रीवा प्रशासन की लापरवाही से रेलवे प्रोजेक्ट लटका, सिंगरौली वन भूमि के बदले रीवा में मिली है जमीन, सीमांकन नहीं करा रहे

राजस्व विभाग की लापरवाही और लेटलतीफी के कारण रेलवे प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। सिंगरौली में वन भूमि के बदले रीवा में जमीन दी गई। अब रीवा में सीमांकन नहीं होने से पौधरोपण की राशि कैम्पा मद में नहीं आ पा रही। इसके करण एनओसी जारी होने में देरी हो रही है।

रीवा प्रशासन की लापरवाही से रेलवे प्रोजेक्ट लटका, सिंगरौली वन भूमि के बदले रीवा में मिली है जमीन, सीमांकन नहीं करा रहे
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सिंगरौली में 141.92 हेक्टेयर वन भूमि रेलवे लाइन में फंसी है
सिरमौर क्षेत्र में दी गई है जमीन, लेकिन सीमांकन नहीं करा पा रहे
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा से गोविंदगढ़ तक रेलवे लाइन बन कर तैयार हो चुकी है। अब गोविंदगढ़ से सीधी और सिंगरौली तक रेलवे लाइन बिछाने का काम किया जाना है। सीधी में निजी भूमि पर रेलवे लाइन का बिछाने का काम होना है। यहां निजी भूमि के अधिग्रहण का काम तो लगभग पूरा होने वाला है लेकिन वन भूमि के अधिग्रहण में ही पेंच फंस गया है। वन विभाग की तरफ से जमीन उपलब्ध करा दी गई है। अब लापरवाही राजस्व विभाग से बरती जा रही है। सीधी वन क्षेत्र में रेलवे लाइन के एि 34.482 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इसके बदले रामपुर नैकिन में वन विभाग को राजस्व विभाग ने भूमि उपलब्ध करा दी है। कैम्पा मद में पौधरोपण की राशि जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है लेकिन सिंगरौली में फंस रही भूमि के बदले मिली राजस्व विभाग की भूमि में पेच फंस गया है। दरअसल सिंगरौली में सरकारी जमीन नहीं थी। ऐसे में सिंगरौली में फंस रही वन भूमि के बदले रीवा में 141 हेक्टेयर भूमि दी गई है। कलेक्टर ने वन विभाग को जमीन देने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। यहां तक तो सब कुछ ठीक चला लेकिन मामला सीमांकन में फंस गया है। वन विभाग को मिली भूमि का दायरा ही तय नहीं हो पाया है कि कहां तक वन विभाग की भूमि है। राजस्व विभाग इस काम में लापरवाही बरत रहा है। अब तक वन विभाग को मिली भूमि का सीमांकन ही नहीं हो पाया है। सीमांकन में देरी के कारण वन भूमि के बदलने मिलने वाली कैम्पा मद की राशि वन विभाग के खाते में नहीं आ पाई है। वन विभाग ने भी सीमांकन में देरी के कारण आपत्ति लगा दी है। जब तक सीमांकन और पौधरोपण की कार्ययोजना तैयार नहीं होगी। तब तक रेलवे को एनओसी भी वन विभाग से नहीं मिल पाएगी।
सिंगरौली के बदले रीवा में कहां मिली जमीन
तहसील सिरमौर अंतर्गत ग्राम बघविल में 32.971 हेक्टेयर भूमि, गदही में 23.274 हेक्टेयर भूमि, सेंदहा में 62.243 हेक्टेयर भूमि, सेंदहा में 23.569 हेक्टेयर भूिम उपलब्ध कराई गई है। वहीं सीधी में रेलवे लाइन के लिए वन क्षेत्र में 34.482 हेक्टेयर भूमि फंसी थी। इसके बदले रामपुर नैकिन में भूमि उपलब्ध करा दी गई है। सिंगरौली में जमीन नहीं होन पर रीवा में दी गई है।
तीनों जिला में फंस रही है वन भूमि
रीवा से रेलवे लाइन सिंगरौली तक खींची जानी है। इसमें तीनों जिलों में वन भूमि फंस रही है। रीवा में टनल के निर्माण में वन भूमि फंसी थी। अब सीधी और सिंगरौली में वन क्षेत्र की भूमि फंस रही है। जंगल से होकर रेलवे लाइन निकाली जाएगी। सबसे अधिक वन भूमि सिंगरौली में ही फंस रही है। यही वजह है कि सिंगरौली में वन भूमि के बदले प्रशासन के पास देने के लिए दूसरी राजस्व की भूमि नहीं थी। इसकी भरपाई रीवा जिला की भूमि देकर की गई है।